एक प्यार भरी चाह़त थी
आपके संग जिने- मरने की…
हाथ में लेकर हाथ चलेंगे साथ ।
उम्मीद थी तुम आओंगे
इंतज़ार रहा सारी रात ।
नज़र थमी थी दरवाजे पर
राह तक़ती रही सारी रात ।
सेज़ सजी थी अरमानों की
अश्क़ बहते रहे सारी रात।
दिल मोम जैसा जलता रहा
पिघलता रहा सारी रात।
भोर हुई तो जाना हमने
ए दिल तू ही नादांन
प्यार किसे कर बैठे हम
जिसे हमारी चाहत़ ही न थी ।
© प्रा.पुरुषोत्तम पटेल " पुष्प "
सुंदर रचना
उत्तर द्याहटवाखुप सुंदर 👌👌👌
उत्तर द्याहटवाखूपच सुंदर👌👌👌👌
उत्तर द्याहटवाहिंदी भाषा वापरून देखिल सर आपण छान कविता करता
उत्तर द्याहटवाखूपच सुंदर👌👌
उत्तर द्याहटवाछान
उत्तर द्याहटवालाजवाब सर, चाहत पे तो दूनिया डटी हुई है!👌👌
उत्तर द्याहटवाविजय बोरदे
खूप खूप मस्त रचना अप्रतिम
उत्तर द्याहटवाअप्रतिम 👌👌👌👌🙏🙏
उत्तर द्याहटवाGreat Post
उत्तर द्याहटवावाहह.. खुप सुंदर रचना...👌👍💐🍫
उत्तर द्याहटवासुंदर 👌
उत्तर द्याहटवावाह..!अतिशय सुंदर रचना👌👌👌
उत्तर द्याहटवा