क्या कहूॅं मैं।
कॉलेज के वो दिन।
युग जैसा लगता था।
इक दिन तुम बीन।
क्या कहूॅं मैं।
कॉलेज की वो मौजमस्ती।
आप और मैं थे।
पुरे कॉलेज की दो मशहूर हस्ती।
क्या कहूॅं मैं ।
कॉलेज का वो लेक्चर ।
आपको फेंकी थी मैंने लवलेटर
उठाते वक्त गिरकर आप हुई फ्रक्चर!
बहोत शानदार थी ।
हमारे ग्रुप की यारी।
आनेवाला हर स्टुडेंट ।
सिखता था हमसे दुनियादारी।
कॉलेज के वो दिन ।
मुझे आज भी है याद ।
जब मिलते हैं हम सब दोस्त
मजा लुटते हैं पचास साल के बाद
वो कॉलेज का इक दिन...
मैं आज भी नहीं भूला !
गॅंदरिंग के नाटक में...
तुम बनी थी दुल्हन मैं था दुल्हा ।
मुझसे किया प्यार का इज़हार।
धनवान के साथ कर ली शादी !
मैं तो आज भी वादा निभा रहा हूॅं ।
जिंदगी जी रहा हूॅं मै बिना शादी !
वो भी कॉलेज के ही दिन थे ...।
©® प्रा. पुरुषोत्तम पटेल " पुष्प "
खुप छान 👌👌🙏🏼🙏🏼
उत्तर द्याहटवाखूपच सुंदर कल्पनाविलास सरजी ✍️👌👌
उत्तर द्याहटवाChhan👌
उत्तर द्याहटवासुंदर 👌
उत्तर द्याहटवाNice
उत्तर द्याहटवा