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मंगळवार, डिसेंबर १४, २०२१

प्यारी गीता

गीता जयंती के पावन पर्व पर मंगल शब्दसुमन!🌹🙏🙏 


मॉ बनकर जीवन का सच कहती हैं।
गुरु जैसा भगवान का रुप दिखाती है।
सच्चा मित्र बनकर जीने  का मतलब बतलाती है।
दुनिया में पावन गाथा पहचानी जाती है गीता।

कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन।
ममैवांशो जीवलोके जीवभूतः सनातनः।
हतो वा प्राप्यसि स्वर्गम् जित्वा वा भोक्ष्यसे महिम्।
क्रोधाद्भवति संमोह: संमोहात्स्मृतिविभ्रम:।सीख देती गीता।

पढुॅंगा मैं अठरा अध्याय एक से एक है भारी।
श्रीकृष्ण समझाते सातसौ श्लोक जीवनतारी।
प्रिय सखा मैं बनूॅं प्रभूका सिखाती है दुलारी।
समस्त सृष्टी ज्ञान का भांडार है गीता मेरी।

🙏🌹 जय श्री कृष्णं वंदे जगत् गुरु ।🌹🙏

© प्रा. पुरुषोत्तम पटेल " पुष्प "


१५ टिप्पण्या:

  1. अप्रतिम रचना केली सर 👌👌👌✍️✍️✍️🙏

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  2. 🙏🏼जय श्री कृष्णा 🙏🏼
    खुप सुंदर रचना रचली 👌✍️✍️🙏🏼

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  3. अप्रतिम रचनाविष्कार सरजी ✍️✍️🌟🌟🌟

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  4. खुप छान रचना केली सर कृष्णं वंदे जगद्गुरु

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  5. खुप छान. गीता जयंतीच्या हार्दिक शुभेच्छा

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  6. वाहह... खुप सुंदर भक्तीमय रचना सर...👌👍🎉

    " गीताजयंतीच्या " मन:पुर्वक शुभेच्छा...💐💐💐

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  7. जय श्री कृष्ण, सुंदर भक्तिरचना सरजी
    विजय बोरदे

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