गुरु जैसा भगवान का रुप दिखाती है।
सच्चा मित्र बनकर जीने का मतलब बतलाती है।
दुनिया में पावन गाथा पहचानी जाती है गीता।
कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन।
ममैवांशो जीवलोके जीवभूतः सनातनः।
हतो वा प्राप्यसि स्वर्गम् जित्वा वा भोक्ष्यसे महिम्।
क्रोधाद्भवति संमोह: संमोहात्स्मृतिविभ्रम:।सीख देती गीता।
पढुॅंगा मैं अठरा अध्याय एक से एक है भारी।
श्रीकृष्ण समझाते सातसौ श्लोक जीवनतारी।
प्रिय सखा मैं बनूॅं प्रभूका सिखाती है दुलारी।
समस्त सृष्टी ज्ञान का भांडार है गीता मेरी।
🙏🌹 जय श्री कृष्णं वंदे जगत् गुरु ।🌹🙏
© प्रा. पुरुषोत्तम पटेल " पुष्प "
अप्रतिम रचना केली सर 👌👌👌✍️✍️✍️🙏
उत्तर द्याहटवा🙏🏼जय श्री कृष्णा 🙏🏼
उत्तर द्याहटवाखुप सुंदर रचना रचली 👌✍️✍️🙏🏼
खुप छान सरजी 👌👌
उत्तर द्याहटवाअप्रतिम रचनाविष्कार सरजी ✍️✍️🌟🌟🌟
उत्तर द्याहटवाछान
उत्तर द्याहटवाखुप छान रचना 🙏जय श्री कृष्ण🙏
उत्तर द्याहटवाखुप छान रचना केली सर कृष्णं वंदे जगद्गुरु
उत्तर द्याहटवाअतिसुंदर
उत्तर द्याहटवाखूपच छान.👌💐
उत्तर द्याहटवाराधे-राधे!
उत्तर द्याहटवाखुप छान शब्दरचना.
खुप छान👍👍👌
उत्तर द्याहटवाखुप छान. गीता जयंतीच्या हार्दिक शुभेच्छा
उत्तर द्याहटवावाहह... खुप सुंदर भक्तीमय रचना सर...👌👍🎉
उत्तर द्याहटवा" गीताजयंतीच्या " मन:पुर्वक शुभेच्छा...💐💐💐
सुंदर
उत्तर द्याहटवाजय श्री कृष्ण, सुंदर भक्तिरचना सरजी
उत्तर द्याहटवाविजय बोरदे