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गुरुवार, डिसेंबर ०९, २०२१

वंदे मातरम्

वंदे मातरम्। (देशभक्ती गीत)

वंदे मातरम्।वंदे मातरम्। वंदे मातरम।रटता हूॅं मैं।
भारत मॉं का गुणगान सुबह शाम गाता हूॅं मै ।
चंदन जैसी पावन मिट्टी तिलक लगाता हूॅं मै ।
जब तक है तन में प्राण गाता रहुॅंगा मैं।
वंदे मातरम्। वंदे मातरम्। वंदे मातरम्।

जननी जन्मभूमिश्च स्वर्गादपि गरीयसी वेद मंत्र मेरा
दुनिया में चमकता कोहिनूर जैसा भारत देश मेरा
गुरुदेव ने लिखा जन-गण-मन राष्ट्रगान है प्यारा 
जब तक है तन में प्राण गाता रहुॅंगा मैं।
वंदे मातरम्। वंदे मातरम्। वंदे मातरम्।

श्वेत हिमालय शंभो का धाम जहाॅं से बहती गंगा
अनेक धर्म प्रांत भाषा सॅंजोकर लहराता है तिरंगा
पुरब दिशा से निकला सूरज नाम गाता श्रीरंगा
जब तक है तन में प्राण गाता रहुॅंगा मैं।
वंदे मातरम्। वंदे मातरम्। वंदे मातरम्।

© पुरुषोत्तम म.पटेल " पुष्प "
मोबाईल +91 8208841364
ई-मेल patelpm31@gmail.com

८ टिप्पण्या:

  1. खुप सुंदर देशभक्तीपर काव्यरचना....👌👍🍫💐

    🇮🇳वंदे मातरम्🇮🇳

    उत्तर द्याहटवा
  2. खुपच सुंदर रचना....
    या काव्य पंक्तींना चाल देऊन प्रजासत्ताक दिनाच्या दिवशी प्रस्तुत करावी ही मनापासून विनंती.... खुपच सुंदर रचना केली आहे.... 👌👌👌🙏🏼🙏🏼🙏🏼

    उत्तर द्याहटवा
  3. अतिशय अप्रतिम आणि देशभक्तीने ओतप्रोत भरलेला रचनाविष्कार सरजी खूप खूप खूप सुंदर रचना 👌👍👌

    उत्तर द्याहटवा
  4. वा सर, खूप सुंदर रचना केली 👌👌👌👌

    उत्तर द्याहटवा
  5. वा! सुंदर काव्यरचना सर, आपल्या काव्य रचनेची मैफिल कधीतरी होऊन जाऊ द्या सर 👌👌👍👍
    विजय बोरदे

    उत्तर द्याहटवा

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