शिव शंभो करता हुॅं मैं
तेरा ही गुणगान
पुरी दुनिया में तू ही तो है
देवों का देव महान ।।१।।
करु तेरी भक्ती मिले शक्ती
नाम जप करु तेरा ध्यान
तुही रुद्र तुही वीरभद्र
तुमसे न कोई महान
शिव शंभो करता हुॅं मैं…।।२।।
हाथो में डमरु कमंडलू
भोले भक्तों का तू भोलेनाथ
जटा से बहती पावक गंगा
तुही गौरी का पंचप्राण
शिव शंभो करता हुॅं मैं ।।३।।
तुही बसा तन में मेरे
तो शिव कहलाता है तन
तेरे बिना तन लगे शव निर्जीव
प्रभो तुम्ही तो है सृष्टी का प्राण
शिव शंभो करता हुॅं मैं…।।४।।
तुही शंकर कैलाशपती
तुही तो है पार्वती का नाथ
हे गौरी महादेव दे दो आशिष
अर्पित करु तुम्हें पुष्प बेलपान
शिव शंभो करता हुॅं मैं…।।५।।
©® प्रा. पुरुषोत्तम पटेल" पुष्प "
म्हसावद
अप्रतिम रचनाविष्कार...शिवस्तूती...!✍️👌👌👌
उत्तर द्याहटवाजय जय श्री शिव शंभो!🌹🙏🙏🙏
सुंदर रचना👌
उत्तर द्याहटवा🙏🙏🙏
उत्तर द्याहटवाChanch
उत्तर द्याहटवा